सीजन का कर रहे थे इतंजार, लॉक डाउन ने फेरा पानी
भरतपुर. लॉक डाउन ने देश के उद्योगपति से लेकर छोटे किराना दुकानदार तक को प्रभावित किया है। ऐसे ही गर्मी के सीजन का इतंजार कर रहे कुंभकार समाज को भी झटका लगा है। लॉक डाउन और जिले में शहर समेत अलग-अलग इलाकों में रह रहे कफ्र्यू ने उनकी दुकानदारी को चौपट कर दिया है।
कुंभकारों का कहना है कि मुनाफा तो दूर साहब...लगाई पूंजी भी निकलना मुश्किल हो रहा है। हाल ये है कि गर्मी शुरू हो चुकी है और कुंभकारों के घर सामान से अटा पड़ा है। अब उन्हें नुकसान होने की चिंता सता रही है। गौरतलब रहे कि कुंभकार समाज के लिए गर्मी का सीजन काफी महत्वपूर्ण होता है। इसकी तैयारी वह जनवरी से ही करना शुरू कर देते हैं। इस बार पूरी तैयारी थी लेकिन मार्च से शुरू हुए लॉक डाउन ने सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया।
मार्च व अप्रेल से थी उम्मीद, किया निराश
प्रजापत समाज को हर साल गर्मी के सीजन का इतंजार रहता है। इस दौरान मटके से लेकर सुराइयों की जमकर बिक्री होती है। मार्च माह से मटकों की बिक्री शुरू हो जाती है जो मई तक बनी रहती है। इसमें शुरुआत के दो माह मुख्य होते हैं, जिसमें समाज के लोग शहर के विभिन्न स्थानों पर दुकान लगाकर मटके समेत अन्य सामान बेचते हैं। इस बार लॉक डाउन की वजह से सामान घरों में ही रखा रह गया। शहर में बीच में छूट के दौरान कुछ सामान निकला तो कफ्र्यू लगने से सामान नहीं बिक पाया।
जयपुर व डीग से मगाए थे काले मटके
समाज के कुछ लोगों ने अच्छी बिक्री के लिए जयपुर के काले मटके नकद राशि देकर मंगाए थे, इन्हें जल्द बेचने की तैयारी थी लेकिन लॉक डाउन लगने से उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जयपुर के अलावा जिले के डीग से भी माल मंगाया था पर लॉक डाउन की वजह से सामान घरों में ही धरा रह गया। मथुरा गेट निवासी कुंभकार ने बताया कि पहले लोग घरों से भी मटके, कलश आदि सामान खरीद कर ले जाते थे लेकिन अब कफ्र्यू लगने से जो थोड़ा बहुत बिक रहा था वो भी बंद हो गया।
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